दोस्तो आज हम अंडे के बारे मे बात करेंगे जिसमे बहुत सारा भ्रंम, गलत धरनाए और बहुत सारी संकाए हमारे मनमे होती है अंडे के बारेमे। आज हम इनको जानेगे क्या सच है क्या जूठ है कोन सी संकाऐ है और कोन सी अफवाऐ है। और ब्राउन अंडा और सफेद अंडा में क्या फर्क है। जो आज हम उन सब के बारेमे अच्छी तरह जानेगे।
जहा तक अंडे का सवाल है तो वह खूब उपयोगी है हमारे डाइट प्लान मे और बहुत सारे डॉक्टर भी उसका सेवन करने को बोल रहे है। वो आपकी पसंद है आप अंडे को कैसे खाते है।
अंडे को कैसे खाए?
बेशक अंडे के बहुत बड़े फायदे है, अंडे को कैसे खाना है वो आपकी पसंद के हिसाब से खा सकते है। बोइल्ड करके भी खा सकते है ऑमलेट बनके खा सकते है।
आप इसे स्कैम्बल एग बनाके खाए आप इनको भुरजी बनाके खाए, आप की मर्जी है आप मोरनिग ब्रेक फास्ट मे खाए, आप इनको सामको खाए, लंच मे खाए या फिर नाइट मे खाए आप कभी भी खा सकते है यह आपकी मर्जी है। अंडा आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।
फ्लोप टेस्ट – अच्छे अंडे डूबते हैं, खराब अंडे तैरते हैं?
बहोत लोग यह टेस्ट करते है आप भी यह टेस्ट करते हो सायद तो अंडा खराब है या अच्छा है उसके लिए आप ग्लास मे पाणी लेते है और उसमे अंडे को डाल कर देखते है।
और अगर पाणीमे अंडा डूब जाता है तो आप मानके चलते है की अंडा अच्छा है और अगर अंडा तेरने लगता है तो आप मनके चलते है की अंडा खराब है।
यह सिर्फ कोनसेप्ट इस्से आया की अगर अंडे के अंदर गेस होगी या हवा होगी तो यह तेरने लगेगा। यह तेरने लगेगा तो ऊपर की तरफ आ जाएगा, यह गेस तभी होगी जब अंडे के अंदर कोई इन्फेक्सन है जिसमे कुदरती गेस उत्पन्न होती है।
लेकिन वैज्ञानिक रूप से ऐसा कोई तरीका नहीं है, ऐसा कोई तरीका नहीं है जानने का जिसे कहा जाए की इसके अंदर कोई बेकटेरिया है या इसके अंदर कोई बेकटेरिया नहीं है। इसे कोई फरक नहीं पड़ता है की अंडा डूब जाता है या ऊपर की तरफ तेर जाता है।
अगर उसमे साल्मोनेला है तो उसको जानने का कोई तरीका नहीं है। तो इसलिए यह जो टेस्ट है उसका कोई महत्व नहीं है, असपे आपको ध्यान देना भी नहीं चाहिए और उस्से आपको बचना चाहिए। यह अंडे की गुणवत्ता के बारेमे कुछ भी माहिती नहीं दे सकता इसलिए यह टेस्ट यूसलेस है।
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अंडे का जीवन
एसा माना जाता है की मैंने तो फ्रिज मे अंडे रखदिए अब तो महीनो तक रखे तो कोई समस्या नहीं। तो अंडे का स्लेफ लाइफमे ऐसा माना जाता है की अंडे की जो फ्रिज के अंदर है वो एक महीने तक रेह सकती है।
3-5 हप्ते तक रेह सकती है। लेकिन वैज्ञानिक रूप से यह बात बिलकुल सही है के जीतने दिन तक या ज्यादा समय तक अंडे को आप स्टोर करके रखते है तो इसलिए गुणवत्ता नीचेकी तरफ आती है।
वैज्ञानिक रूप से लंबे समय तक स्टोर करके रखा हुवा अंडे का पोषण स्तर लगभग 50% कम हो जाता है। यह सच्चाय आपको समजने की जरूरत है।
वैज्ञानिक रूप से जो अंडा मुर्गी देती है उसके 10 दिनमे आपको उस्तेमाल कर लेना चाहिए। उस समय मे अंडे की पोषण स्तर और प्रोटीन बहुत अच्छा होता है।
तो जो यह मानना है की अंडे को फ्रिज मे रख दिया है अब महीनो तक चलेगा उसमे पोषण स्तर बहुत नीचे चला जाता है तो यह बात सच नहीं। आप भी ध्यान रखे।
कोलेस्ट्रॉल
मुजे अंडे नहीं खाना चाहिए क्योकि कोलेस्ट्रॉल का लेवेल ऊपर करेगा। यह चीज को बहुत ध्यानसे समजने की जरूरत है क्यूकी बहुत बड़ी गड़बड़ी इसमे है।
जहा तक कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का सवाल है जो कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर मे बढ़ता है वो खाने पीने की चीजों से नहीं बढ़ता, यह बढ़ता है अगर हम अपने खाने मे संतृप्त और ट्रांस वसा का उपयोग करते है। तो यही वास्तमे कोलेस्ट्रॉल को ऊपर लेके चलती है।
जहा तक अंडे का सवाल है तो इसमे जो संतृप्त वसा होती है तो उनकी गिनती बहुत कम होती है। और इसमे ट्रांस वसा होती ही नहीं है। तो जो संतृप्त वसा है वो नीचे है और ट्रांस वसा ना के बराबर है। इसमे बहुत कम कोलेस्ट्रॉल होता है।
अगर हम वसा को ध्यान से देखे तो जो अंडे मे होते है वो अपने शरीरके लिए बहूत अच्छा माना जाता है। इसमे जो संतृप्त वसा है उनकी गिनती ना के बराबर है और ट्रांस वसा होती ही नहीं है।
तो हम इसको ध्यान से देखे जो अंडे है उनको अवॉइड करने की जरूरत नहीं है इस चीज के लिए के इसके चलते हमारा कोलेस्ट्रॉल बढ़ेगा। बलकि वो एक अच्छा प्रोटीन का जरिया माना जाता है इन्हे हमे रेग्युलर अपने डाइट मे लेना चाहिए।
वजन कम करते समय आपको जर्दी खाने से बचना चाहिए:
बहोत लोगो का ऐसा मानना है की जो अंडे मे जर्दी(योल्क) होता है उसको अवॉइड करना चाहिए अगर कोलेस्ट्रॉल चे बचना है तो। इस फ़ैक्ट को जरा ध्यान से देखे, जहा तक अंडे का सवाल है इसमे दो ही कंपोनेट होते है। सफ़ेद जो बहार का भाग है और दूसरा ज़र्दी जो अंडे के अंदर पीला भाग होता है।
यह दोने के दोनों है उसमे विटामिन्स अलग अलग होते है। मिनरल्स अलग अलग होते है। जहा तक सफ़ेद भाग का सवाल है तो उसमे प्रोटीन अच्छी मात्रा मे होता है जिसे एलब्यूमिन केहते है। इसमे राइबोफ्लेविन अच्छी मात्रा मे होता है जो विटामिन-बी है।
जहा तक अंडे का न्यूट्रियन्ट का सवाल है तो लगभग 50% न्यूट्रियन्ट प्रोटीन और वसा दोनों वास्तव मे ज़र्दी से मिलते है। यह बिलकुल जूठी मान्यता है की हमे ज़र्दी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को अंडे नहीं खाने चाहिए ?
एक और जूठी मान्यता है की गर्भावस्था के दोरान जो अंडे है उसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसके पीछे एक कारण है की अगर गर्भावस्था मे आपने अंडे का सेवन किया तो जो बेबी है जब जन्म होगा तो उसको अंडे से एलर्जी हो जाएगी। इसलिए गर्भावस्था मे बहुत सारी महिलाए अंडे इसलिए इस्तेमाल नहीं करती के बेबी को एलर्जी हो न जाए। यह पूरे का पूरा एक मान्यता है। इसका कोई साइंटिफिक लॉजिक नहीं है।
अंडे प्रोटीन का अच्छा माध्यम माना जाता है। विटामिन, मिनर्ल्स, अमीनो एसिड यह सब रेग्युलरली इस्तेमाल होना चाहिए गर्भावस्था के दोरान। ऐसी कोई रिसर्च अभी तक नहीं है की गर्भावस्था के दोरान अंडे खाने से बेबी को अंडे की एलर्जी की समस्या होगी।
इसलिए प्रोटीन के लिए अंडे को गर्भावस्था जरूर इस्तेमाल करे। और एक कन्सेप्ट है की छोटे बच्चे होता है जिनकी उंमर एक साल से कम होती है उनको अंडा नहीं दिया जाना चाहिए। एक साल की उम्र के पेहले आपने अंडा दिया तो उसको अंडे से एलर्जी हो जाएगी।
यह आपको समजने की जरूरत है की बेबी के 6 महीने बाद कोई भी आप डाइट मे प्रोटीन दे सकते है। अगर आपको कोई ऐसी एलर्जी की समस्या दिखाय दे तो आप अपने बच्चे के डॉक्टर को दिखा शकते है।
कौना सा अंडा खाए ब्राउन अंडा और सफेद अंडा?
अब हम जानते हैं कि बहुत लोग ऐसा मानते हैं के ब्राउन अंडा वह सफेद अंडे से ज्यादा बेहतर है। ऐसा कन्सेप्ट है कि देसी अंडे में ज्यादा ताकत होती है और सफेद अंडे में ज्यादा ताकत होती नहीं है। और यह जो ब्राउन अंडा और सफेद अंडा में जो हमेशा तनातनी चलती है वह सिर्फ लोगों का मानना है
एक अभ्यास में ऐसा साबित हुआ है कि ऐसा कोई कन्सेप्ट है ही नहीं। जहां तक अंडे का सवाल है वह बॉडी के लिए बहुत ही जरूरी है क्योंकि इसमें प्रोटीन और बाकी चीजें बहुत अच्छी मात्रा में होती है। और जहां तक अंडे के कैरेक्टर का सवाल है वह कलर से डिसाइड नहीं होता.बहुत सारी दूसरी चीज है जो जरूरी होती है। अंडे का कलर से कोई मतलब नहीं है, चाहे वह ब्राउन रहे या सफेद हो.
अगर एक उदाहरण से समझे तो जब मुर्गी अंडा देती है और अंडा 3 से 4 घंटे तक सनलाइट में पड़ा रहता है तो उसमें विटामिन-डी का जो कंटेंट है वह ऑलमोस्ट 4 गुना बढ़ जाता है। तो इससे अंडे की क्वालिटी में फर्क पड़ता है। इसे फर्क नहीं पड़ता की अंडा ब्राउन है या सफेद है।
ऐसे ही अगर आप मुर्गी को जो खाना देते हैं उसमें अगर ओमेगा-3 अच्छी मात्रा में दिया गया तो ऐसा माना जाता है जो मुर्गी अंडा देगी उसमें ओमेगा-3 अच्छी मात्रा में पाया जाएगा। उसमें कोई मतलब नहीं है कि अंडा ब्राउन अंडा है या सफेद अंडा है।
यह जो ब्राउन अंडा और सफेद अंडा का जो कन्सेप्ट है वह सिर्फ लोगो की एक मान्यता है।
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