आज हम जानेगे कॉफी के फायदे और नुकसान के बारेमे लेकिन उससे पहले हम कुछ कॉफी के बारे मे जान लेते है। कॉफी की एक कप देखने में बहुत ही साधारण लगती है लेकिन पूरी दुनिया में लगभग 200 करोड़ कॉफी कप का हर रोज इस्तेमाल होता है। जिम जाने वाले लोग एज अ(As a) प्री वर्कआउट कॉफी का इस्तेमाल करते हैं।
कुछ लोग रातों को जागने के लिए, कुछ लोग सुस्ती भगाने के लिए और कुछ लोग बस यही टेस्ट के लिए कॉफी का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, कॉफी शरीर में जाकर आखिर करता क्या है। एक दिन में कितना कप कॉफी पी जा सकती है। चाय और कॉफी में क्या फर्क होता है और यह शरीर को कितना फायदा और कितना नुकसान पहुंचा सकता है। तो आज हम कॉफी के फायदे और नुकसान के साथ साथ इन सब बातों के बारे मे भी चर्चा करेंगे।
कॉफी की खोज:
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कहा जाता है कि, कॉफी की खोज एक चरवाहे ने की थी। अफ्रीका में रहने वाले कालडी नाम का एक व्यक्ति जब अपने बकरियां चराने के लिए जंगल की तरफ जाता है। तो उसने देखा कि एक लाल रंग का फल है, जिसे खाकर उसकी बकरिया ज्यादा एक्टिव होकर इधर-उधर उछलने को लगती है। तो कंफर्म करने के लिए उसने खुद उस फल को खाकर देखा जिससे उन्हें बहुत ही एनर्जेटिक और अच्छा महसूस किया।
वह कॉफी के कुछ दाने लेकर वहीं नजदीक में मौजूद एक बुजुर्ग को दिखाकर इसके बारे में और ज्यादा जानने की कोशिश करने लगा। लेकिन तभी बुजुर्ग ने इनकार करते हुए कॉफी के दानों को वहीं पर जल रही आग के अंदर फेंक दिया। तभी उन्हें एक खुशबू का एहसास हुआ जोकि कॉफी जलने से आग के अंदर से आ रही थी। इसी बात से कॉफी के दाने को भूनकर इस्तेमाल करने का आइडिया आया और फिर दुनिया की सबसे पहली कॉपी यहीं पर बनाई गई थी। आज भी जो कॉफी के दाने पेड़ पर लगते हैं वह लाल रंग के कवर में बंद होता है।
जिसके अंदर हल्के ग्रीन रंग के दाने होते हैं और फिर इस दाने को भूनने के बाद वह ब्राउन कलर में तब्दील हो जाता है। जिसे फिर पाउडर फॉर्म में बदल कर मार्केट में बेचा जाता है। ज्यादातर लोग यह बात नहीं जानते हर कॉफी पाउडर देखने में तो लगभग एक जैसा ही है लेकिन क्वालिटी और टेस्ट के नजरिए में यह कहीं तरीके का हो सकता है। जिसमें कॉफी का दो सबसे मेन टाइप है जो दुनियामे सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है
अरेबिका (Arabica):
अरेबिका कॉफी बींस सबसे हाईएस्ट क्वालिटी की कॉफी होती है। जिसका पूरे दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इसका टेस्ट दूसरे कॉफी के मुकाबले में बेहतर होता है। इसमें तीता पन और कैफीन की मात्रा भी थोड़ी कम होती है। इसलिए यह कॉपी की प्राइस(किंमत) ज्यादा होती है।
रोबस्टा (Robusta):
जो दूसरे टाइप की कॉपी होती है वह रोबस्टा है। यह वर्ल्ड में सेकंड सबसे मशहूर कॉफी है। जिसकी कीमत अरेबिका कॉफी के मुकाबले कम होती है। इसका स्मेल और टेस्ट थोड़ा स्ट्रांग होता है। साथ ही तीता पन और कैफीन की मात्रा भी ज्यादा होती है। यह कॉफी के दाने अरेबिका कॉफी के मुकाबले साइज में गोलाकार होते हैं।
कॉफी के फायदे और नुकसान:
कॉफी के फायदे:
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शरीर को स्वस्थ रखना:
कॉफी के फायदे और नुकसान अगर हम बात करे तो सबसे पहले हम जानेगे, अगर हमे कॉफी पीने का सही समय और सही तरीका पता हो तो इसे काफी सारे फायदे भी उठाए जा सकते हैं। और ऐसा इसलिए क्योंकि कॉफी में पॉलीफेनॉल वह दूसरे कई एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। जो के शरीर में बनने वाले फ्री रेडिकल्स जैसे जहरीले पदार्थ को रिड्यूज करके कुछ हद तक ओवर ऑल बॉडी को इंप्रूव करने का काम करता है।
कॉफी और लीवर:
आपको पता ही है हम कॉफी और चाय का कितना सेवन करते है। बेसक चाय और कॉफी पीनी चाहिए लेकिन उतना ही जितना हमारे शरीर उसकी इजाजत देता है। तो अगर कॉफी की बात करे तो, कॉफी में कुछ फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। जोकि लीवर प्रॉब्लम प्री बैंड करने में कुछ हद तक मददगार होता है।
कॉफी वजन कम करने के लिए इस्तेमाल होती है?
कॉफी के फायदे और नुकसान की बात करे और वजन कम करने की बात न करे तो यह तो नाइंसाफी हुई। कॉफी मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करके एज अ(As a) फैट बर्नर की तरह भी काम करती है। लेकिन इसके लिए कॉफी को बिना दूध और बिना चीनी के साथ इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि कई सारे साइंटिफिक रिसर्च यह बताते हैं कि, शुरुआत में कॉफी के इस्तेमाल से वजन कम करने के लिए थोड़ी तो मदद मिलती है। लेकिन धीरे-धीरे इसका असर भी कम हो जाता है।
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कॉफी से दिमाग एक्टिव रेहता है?
कॉफी को जीस फायदे के लिए दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है वह है, मेंटल अलर्टनेस आसान भाषा में कहा जाए तो सुस्ती भगाने का शॉर्टकट तरीका। कॉफी में जो सबसे मेन इंक्रीडीअन होता है वह है कैफीन जिसका आपके दिमाग पर बहुत ही अलग तरह से असर होता है। इसे सुस्ती गायब हो जाती है और आपको पहले से ज्यादा एनर्जेटिक महसूस होने लगता है।
खैर यह तो हुई कॉफी के कुछ अच्छी बातें लेकिन आपको यह नहीं भूलना चाहिए की अभी के टाइम में पूरे दुनिया में कॉफी एक बहुत बड़ा बिजनेस है। इसलिए ज्यादातर लोग सिर्फ इसके फायदे ही बताते हैं। यहां तक कि इंटरनेट पर बहुत सारे साइंटिफिक रिसर्च भी मौजूद है। जोकि कॉफी की दिल खोलकर तारीफ करते है क्योंकि उन्हें कॉफ़ी इंडस्ट्री इसके लिए पैसे दिए होते हैं।
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कॉफी की नुकसान:
कॉफी एसिड की मात्रा बड़ा देती है
अगर हम कॉफी के फायदे और नुकसान की बात करे तो, जहां कॉफी के कुछ फायदे हैं वही इसके गलत इस्तेमाल से लॉन्ग टर्म में कहीं सारे नुकसान भी हो सकते हैं। सबसे पहले तो कॉफी एसिडिक होती है। जो कि पेट में एसिड की मात्रा बढ़ाने का काम कर्ता है। खासकर ऐसे लोग जो सुबह खाली पेट कॉफी का इस्तेमाल करते हैं। उन्हें सीने में जलन और एसिडिटी की प्रॉब्लम का सामना करना पड़ सकता है।
कॉफी और नींद न आनी?
कॉफी का असर 15 से 20 मिनट में ही हमारे दिमाग तक पहुंचाता है। और लगभग 6 घंटे से भी ज्यादा तक का समय के लिए भी कॉफी हमारी खून में मौजूद होता है। इसलिए खासकर जो लोग दोपहर के बाद कॉफी पीते हैं। उन्हें ठीक से नींद नहीं आने की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कॉफी और किडनी?
कॉफी हमारे शरीर में स्टोर नहीं होता। यही वजह है कि जो भी कॉफी की मात्रा हमारे खून में होती है। उसे हमारी किडनी फिल्टर करके बार-बार शरीर से बाहर निकालने की कोशिश करने लगती है। इसलिए आप जितना ज्यादा कॉफी पीते हैं, इतनी ज्यादा बार आपको टॉयलेट का चक्कर लगाना पड़ सकता है। और जिससे डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम हो सकती है।
ब्लड प्रेशर वाले दूर रहे कॉफी से:
हमारे शरीर में किडनी के ऊपरी हिस्से पर एक ग्रंथि होती है। जिसे एड्रिनल ग्लाईन के नाम से जाना जाता है। कॉफी इस ग्रंथि को ज्यादा मात्रा में एक हार्मोन रिलीज करने के लिए स्टीमीलेट करता है। जिसका नाम है एड्रेनालीन। इस हार्मोन कि खून में ज्यादा होने से दिल की धड़कन तेज होती है, एंजाइटी लेबल बढ़ता है, और ब्लड प्रेशर भी इंक्रीज होने लगता है।
इसलिए जिन लोगों को धड़कन तेज होने या दिल की बीमारी है या एंजाइटी और घबराहट महसूस होती हैं या हाई ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम है, तो उन्हें कॉफी से दूर ही रहना चाहिए क्योंकि यह प्रॉब्लम को और भी ज्यादा बढ़ा सकती है। और यही वजह है कि गर्भवती महिलाओं को भी कॉफी पीने से मना किया जाता है। इसमे कॉफी के फायदे और नुकसान की बात नहीं है। पहले हमारे शरीर की बात है। यहां तक कि नॉर्मल लोगों को भी कुछ शर्तों को ध्यान में रखते हुए ही कॉफी का इस्तेमाल करना चाहिए।
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हमारा दिमाग और कॉफी:
ज्यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि कॉफी पीने के बाद जो एनर्जी महसूस होती है। वह कॉफी से मिलती है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दरअसल हमारे दिमाग में एक एडेनोसाइन(Adenosine) नाम का हार्मोन होता है। जोकि एक न्यूरोट्रांसमीटर की तरह काम करता है। हमारे दिमाग में कुछ रिसेप्टर होते हैं।
जब हमारा दिमाग थकने लगता है तो एडेनोसाइन(Adenosine) हार्मोन इस रिसेप्टर से चिपक कर हमें सुस्ती और हल्की नींद की ओर इशारा देता है की हमारे दिमाग को आराम की जरूरत है। लेकिन जब हम ऐसे में आराम करने की बजाय कॉफी पीते हैं। तो कॉफी में मौजूद कैफीन हमारे दिमाग तक पहुंच कर एडेनोसाइन(Adenosine) हार्मोन को रिसेप्टर से चिपकने से रोक देता है। और खुद उस रिसेप्टर से जाकर चिपक जाता है। जिससे दिमाग को थके होने का सिग्नल ही नहीं मिल पाता। इसलिए सुस्ती गायब हो जाती है और अच्छा महसूस होने लगता है।
फिर जब धीरे-धीरे कॉफी का असर खत्म होता है तो क्योंकि आप थके हुए दिमाग से ही काम करवा रहे थे। इसीलिए एडेनोसाइन(Adenosine) हार्मोन फिर से आपके दिमाग के अंदर मौजूद रिसेप्टर से आकर चिपक जाता है। जिससे आपको पहले से भी ज्यादा सुस्ती महसूस होती है। और वापस से शरीर में एनर्जी लाने के लिए फिर से आपको कॉफी पीने का मन करने लगता है। बेइजीकली हम कॉफी पीकर हम हमारे थके हुए दिमाग को और ज्यादा एनर्जी प्रोड्यूस करने के लिए व्याकुल बनाते हैं।
लेकिन कुछ हफ्ते या कुछ महीने बाद हमारे दिमाग को हमारी इजी टेक्निक का पता चल जाता है। इसलिए दिमाग में नए रिसेप्टर डेवलप हो जाते हैं अब क्योंकि आपके दिमाग में सुस्ती महसूस करवाने वाले रिसेप्टर ज्यादा है। इसलिए अब दिमाग को बेवकूफ बनाने के लिए आपको कॉफी की मात्रा भी बढ़ानी पढ़ती है। और यही वजह है कि शुरुआत तो लोग एक कप कॉफी से करते हैं लेकिन धीरे-धीरे एक से दो, दो से तीन, तीन से चार, चार से पांच और इस तरीके से एक के बाद एक कप कॉफी बढ़ाते ही जाते हैं।
क्योंकि ऐसा करना आपकी मजबूरी हो जाती है और जब ऐसा करते हुए आपको एक लंबा अरसा गुजर जाता है तो फिर मानो कॉफी के बिना दिन की शुरुआत होती ही नहीं होती, और पूरे दिन सुस्ती, सर दर्द और चिड़चिड़ापन महसूस होने लगता है।
कॉफी को एक्सरसाइज मे इस्तेमाल करना:
कॉफी को एक्सरसाइज के पहले भी इस्तेमाल किया जाता है। और ऐसी सप्लीमेंट जिसे प्री वर्कआउट सप्लीमेंट के रूप में मार्केट में बेचा जाता है। उसमें भी मेन इनक्रीडीअन कैफीन ही होता है। एक्सरसाइज के पहले कॉफी पीने से एनर्जेटिक महसूस होता है। और वेटलिफ्टिंग करना ज्यादा आसान हो जाता है। लेकिन यह एक टेंपरेरी एनर्जी होती है।
लगातार कॉफी का इस्तेमाल करने से धीरे-धीरे शरीर कॉफी पर ही डिपेंड होने लगता है। और फिर बिना कॉफी पीए एक्सरसाइज कर पाना पहले से भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है। तो यह कुछ थे कॉफी के फायदे और नुकसान के बारे मे। अब सवाल यह उठता है कि आखिर कॉफी से फायदा उठाने और उसके नुकसान से बचने के लिए क्या करना चाहिए।
फाइदा उठाने की टिप्स:
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एक दिन मे कॉफी कितनी लेनी चाहिए?
हमने कॉफी के फायदे और नुकसान तो देख लिए अब कुछ कॉफी के बारे मे और जानते है जिसे आप नुकसान से बचने की टिप्स भी बोल सकते हो। सबसे पहले तो हमारा शरीर में एनर्जी प्रोड्यूस करने के लिए कॉफी की बिल्कुल जरूरत नहीं होती। क्योंकि सही खाना और फिजिकल एक्टिविटीज और सही अमाउंट में नींद का ख्याल रखकर बॉडी को पूरा दिन एनर्जेटिक रख सकते हैं। लेकिन जो लोग कॉफी पीना पसंद करते हैं उन्हें कुछ लिमिटेशंस को ख्याल में रखना चाहिए।
काफी सारी साइंटिफिक स्टडी के हिसाब से एक हेल्थी इंसान जिसे कोई भी बीमारी नहीं है उनके लिए दिन भर में 300 से 400 मिलीग्राम कैफीन कंज्यूम करना सेफ माना जाता है। जो लगभग तीन से चार कप कॉफी के बराबर होता है। और इसी बात को देखकर यूट्यूब पर भी बहुत सारे लोग दिन भर में तीन से चार कप कॉफी पीने को सही मानते हैं। और दूसरों को भी इसी तरह सलाह देते हैं।
कॉफी एडिक्शन से बचे:
यहां एक बहुत बड़ा ट्विस्ट है जिसे साइंटिफिक रिसर्च पर आंख बंद करके यकीन करने वाले लोग नहीं जानते। प्रैक्टिकल लाइफ में जब हम देखते हैं तो कॉफी शरीर में जाने के बाद इसके साथ हर किसी इंसान की बॉडी अलग-अलग तरह से रिएक्ट करती है। जो लोग दिन भर में तीन से चार कप कॉफी पीते हैं। तो हो सकता है कि इसको तुरंत कॉफी का नुकसान बॉडी में डैमेज के रूप में सामने ना आए।
लेकिन लॉन्ग टर्म में कॉफी एडिक्शन के रूप में जरूर सामने आ सकता है क्योंकि यह बात भी साइंटिफिकली प्रूव है की कॉफी को साइकोएक्टिव ड्रग की कैटेगरी में गीता जाता है। जिसका धीरे-धीरे इंसान आदि होने लगता है। यहां अगर आप उन लोगों में से हैं जो दिन भर में सिर्फ एक कॉफी पीते हैं लेकिन आप का टाइमिंग और रूटिंग बन चुका है। कि एक कप कॉफी ही सही लेकिन हर दिन आपको कॉफी चाहिए ही चाहिए, तो आप माने या ना माने आपको भी कॉफी के लत का शिकार हो चुके हैं।
एक लॉजिकल और इंटरेस्टिंग बात यह भी है कि आज पूरी दुनिया में लगभग 200 करोड़ से ज्यादा कप कॉफी का हर रोज इस्तेमाल किया जाता है। जाहिर सी बात है इसमें से ज्यादातर लोग दिन भर में एक कप कॉफी पीने से ही शुरुआत की होगी और आज पूरे दिन में 10 कप कॉफी पीने वालों की भी कोई कमी नहीं है। क्योंकि जब कॉफी की लत लग जाए तो रेगुलर कस्टमर की तरह कॉपी खरीदना आपकी मजबूरी हो जाती है। यही तो कॉफी कंपनी का बिजनेस टेक्निक है जिसे ज्यादातर लोग जानते नहीं है। मेरे मुताबिक आपको कॉफी को जिंदगी में उतनी ही जगह देना जिससे कि आप जब चाहे तब छोड़ सके।
अच्छी चीजों के लिए ही कॉफी का इस्तेमाल करे:
कॉफी स्लोएडक्टिव होता है जिसका मतलब है, इसकी लत एकदम से तुरंत नहीं लगती। इसलिए अगर इसका कभी-कभी इस्तेमाल किया जाए तो कॉफी एक अच्छी चीज हो सकती है। जैसे कि आप स्टूडेंट है तो एग्जाम के टाइम पढ़ाई करने के लिए कॉफी से फायदा उठा सकते हैं। जो लोग एक्सरसाइज करते हैं और कभी कबार किसी वजह से प्री वर्कआउट मिल का इस्तेमाल नहीं कर पाते तो ऐसे में कॉफी को एज अ(As a) प्री वर्कआउट इस्तेमाल किया जा सकता है।
अगर आपका बहुत जरूरी काम पेंडिंग है और आपको सुस्ती महसूस हो रही है तो ऐसे में कभी कबार कॉफी का बेझिझक इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन किसी भी सूरत में आपको पूरी तरह कॉफी पर ही डिपेंड नहीं हो जाना चाहिए। और ऐसा इसलिए चाहे एक कप ही सही अगर आपने हर दिन का रूटीन बना लिया तो बहुत ही ज्यादा चांस है कि आपको कॉफी की आदत हो सकती है।
चाय और कॉफी:
चाय भी काफी हद तक कॉफी की तरह ही होती है, क्योंकि कॉफी और चाय इन दोनों में कैफीन पाया जाता है। हालाकी चाय में कैफीन की मात्रा कॉफी से थोड़ा कम होती है। इसलिए चाय का हमारे शरीर में कॉफी के मुकाबले थोड़ा कम असर होता है। लेकिन जनरली चाय और कॉफी दोनों ही एडिक्टिव होता है जिसका हमें हर दिन इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। तो यह कुछ बाते थी कॉफी के फायदे और नुकसान के बारे मे और कुछ बाते कॉफी के बारे मे जो सही मे दिमाग हिला देने वाली थी।
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